1st Year (प्रथम वर्ष) वालों को प्रमोट किया जाएगा , और सभी कि परीक्षाएं होंगी Today News

 

1st Year (प्रथम वर्ष) वालों को प्रमोट किया जाएगा , और सभी कि परीक्षाएं होंगी



ऐसा अभी अनुमान लगाया जा रहा है क्योंकि सभी विद्धार्थियों के मन में परीक्षाओं को लेकर असमंजस कि स्थिति बनी हुई है  कि कौन–कौन प्रमोट होगा कोन कोन परीक्षा देगा इन्हें दूर करने के लिए ये न्यूज और मीटिंग हो रही है

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1st yearवालों को प्रमोट किया जाए और 2nd,3rd year वाले सभी विद्यार्थीयों कि परीक्षा ली जायेंगी इस सम्बंध में उच्च शिक्षा विभाग से विश्विद्यालयों के कुलपति करेंगे चर्चा

यह होंगे चर्चा के महत्वपूर्ण  बिंदू...

• केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का द्वितीय वर्ष में प्रमोशन

• द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध, उत्तराद्ध की हो परीक्षाए

• विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रोविजनल प्रवेश

•  पढ़ाई परीक्षाओं में विलंब के चलते छात्रसंघ चुनाव पर रोक

• यूजीसी और केंद्रीय शिक्षा विभाग से चर्चा

•  जुलाई में सत्र की शुरुआत के साथ सिर्फ पढ़ाई

कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए विश्वविद्यालय सरकार और उच्च शिक्षा विभाग से चर्चा करेंगे। केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने और बाकी कक्षाओं की परीक्षाएं कराने पर विश्वविद्यालयों का जोर रहेगा। हालांकि हालात सामान्य होने पर ही यह संभव होगा। कोरोना संक्रमण के चलते लगातार दूसरे साल राजस्थान सहित सभी राज्यों में हालात खराब है। सभी
राज्यों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं स्थगित की गई है।  कोरोना  संक्रमण को देखते हुए कॉलेज और विश्वविद्यालयों में परीक्षाए करवाना आसान नहीं है

पिछले साल भी किया था प्रमोट

कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल करीब 50 दिन लॉकडाउन रहा था। इसके चलते राज्य स्तर पर गठित उच्च स्तरीय समिति ने स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला किया था। जबकि तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराई गई थीं।

लगातार प्रमोशन नहीं ठीक

कोरोना संक्रमण के चलते हालात इस वर्ष ज्यादा खराब है। कुलपतियों, शिक्षाविदों का मानना है कि विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल प्रमोशन देना ठीक नहीं है। इससे उनकी शैक्षिक अभिरुचियों परफॉरमेंस और पढ़ाई पर असर पड़ेगा। लगातार दो साल प्रमोट होने से विश्वविद्यालयों के लिए भी उनका तृतीय वर्ष का रिजल्ट तैयार करना आसान नहीं होगा।

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