यूपी बोर्ड ने 10वीं के स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का निकाला रास्ता, 9वीं का रिजल्ट बनेगा आधार

 

UP Board Exam 2021: यूपी बोर्ड ने 10वीं के स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का निकाला रास्ता, 9वीं का रिजल्ट बनेगा आधार






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हाईस्कूल के करीब 30 लाख परीक्षार्थियों को प्रमोट करने का रास्ता खोज लिया है

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने हाईस्कूल के करीब 30 लाख परीक्षार्थियों को प्रमोट करने का रास्ता खोज लिया है। अब कक्षा नौ का रिजल्ट इसका आधार बनने जा रहा है। यानी छात्र या छात्रा ने कक्षा नौ में जो अंक अर्जित किए हैं, विषयवार वही अंक देकर उन्हें हाईस्कूल में प्रमोट करने की तैयारी है। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से 24 मई तक अंक वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है। असल में, सभी माध्यमिक कॉलेज वार्षिक परीक्षा का अंकपत्र अनिवार्य रूप से परीक्षार्थियों को देते आ रहे हैं।



उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने सीबीएसई की तर्ज पर हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करने व परीक्षार्थियों को प्रमोट करने पर मंथन शुरू किया। बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं हर साल कराता रहा है। इसके अलावा उसके पास वार्षिक व अर्ध वार्षिक परीक्षा का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में पहले तय हुआ कि हाईस्कूल की छमाही व प्रीबोर्ड परीक्षाओं के अंक के आधार पर प्रमोट किया जाए लेकिन, बीते वर्ष कोरोना काल में स्कूल अक्टूबर व नवंबर में पाबंदियों के बीच खुले थे ऐसे में छमाही परीक्षा कहीं हुई ही नहीं। वहीं, प्रीबोर्ड कराने में कुछ जिलों को छोड़कर उत्साह नहीं दिखाया। इसीलिए स्कूल संचालक विरोध कर रहे थे। अंक अपलोड करने की समय सीमा बढ़ाने पर भी वास्तविक अंक नहीं मिल पा रहे थे।

24 मई तक डिटेल्स अपलोड करने का निर्देश : शासन के निर्देश पर बुधवार को यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने नया आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कक्षा नौ की वार्षिक परीक्षा पिछले साल स्कूलों में हुई थी। विषयवार लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षा के पूर्णांक व प्राप्तांक परिषद की वेबसाइट पर 24 मई तक अपलोड कर दिया जाए। लिखित परीक्षा के प्राप्तांक के लिए संबंधित विषय का पूर्णांक 70 अंक है व प्रोजेक्ट कार्य का विषयवार पूर्णांक 30 अंक है। सचिव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश दिया है कि इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराएं। सूचना देना अनिवार्य है यदि कोई कालेज अंक वेबसाइट पर अपलोड नहीं करता है तो वहां के डीआइओएस जिम्मेदार होंगे।

2020 का शासनादेश बना बाधा : यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का आदेश जारी होते ही निजी विद्यालय संचालक व शिक्षक जनप्रतिनिधि इस पर भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि 13 अप्रैल, 2020 को शासन ने छह, सात, आठ, नौ और ग्यारह कक्षा के छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने का निर्देश दिया था। ऐसे में कक्षा नौ के अंक वास्तविक कैसे हो सकते हैं? वहीं, बोर्ड सचिव का कहना है कि सभी कॉलेजों में बोर्ड परीक्षाओं से पहले ही कक्षा नौ व 11 की वार्षिक परीक्षाएं हो चुकी थी और अंकपत्र भी दिए गए हैं।

गले सप्ताह लिया जा सकता है फैसला : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में इस वर्ष हाईस्कूल में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या 29.94 लाख है। हाईस्कूल परीक्षा में 16,74,022 बालक और 13,20,290 बालिकायें पंजीकृत हैं। इस वर्ष यूपी बोर्ड की परीक्षा कोरोना महामारी और पंचायत चुनाव के चलते देर हो गई है। बीते वर्ष 2020 में परीक्षाएं 18 फरवरी से ही शुरू हो गई थीं। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह शासन स्तर पर होने वाली बैठक में हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को प्रमोट करने पर मुहर लग सकती है।

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